Monday 31 October 2016

लेनोवो वाइब K5 मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये




लेनोवो वाइब K5 मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये करीब 7 मिनट के इस छोटे से वीडियो में। इस मोबाईल को खरीदने पर बॉक्स में मोबाईल के साथ-साथ और क्या-क्या चीज मिलती है ? इस मोबाईल के क्या- क्या खास फंक्शन हैं ? सब कुछ बताया गया है बॉक्स को पूरा खोल के और मोबाईल को चलाके। बस क्लिक करके विडियो को देखिये।

Friday 28 October 2016

लावा A89 4G मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये





लावा A89 4G मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये करीब 7 मिनट के इस छोटे से वीडियो में। इस मोबाईल को खरीदने पर बॉक्स में मोबाईल के साथ-साथ और क्या-क्या चीज मिलती है ? इस मोबाईल के क्या- क्या खास फंक्शन हैं ? सब कुछ बताया गया है बॉक्स को पूरा खोल के और मोबाईल को चलाके। बस क्लिक करके विडियो को देखिये।

Wednesday 26 October 2016

सोशल मीडिया और हमारा समाज

आजकल सोशल मीडिया का नशा लोगों के सर चढ़ के बोल रहा है। ज्यादा से ज्यादा लोग इसके शौक़ीन हो रहे हैं। सबसे पहले चैटिंग शुरू हुई, उसके बाद वेब मेसेंजर, फिर ऑरकुट उसके बाद फेसबुक, फिर टवीटर। लेकिन सबसे ज्यादा धूम मचा रहा है, सबसे बाद आया व्हाट्सएप्प। जबसे स्मार्ट फोन का ज़माना आया है, लोगो की सोशल मीडिया के प्रति दीवानगी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। पहले सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोग डेस्कटॉप या फिर लैपटॉप पर किया करते थे। अंग्रेजी में गिटपिट लिखते रहते थे। कम पढ़े लिखे लोगों को पता भी नहीं लगता था कि क्या हो रहा है। बस वो तो कीबोर्ड पर तेज गति से चलती उँगलियों को देखते फिर चलाने वाले के चेहरे की मुस्कान को। 

लेकिन जब से स्मार्ट फोन का जमाना आया है, सोशल मीडिया के राज धीरे धीरे खुलने लगे हैं। अब ये सिर्फ ज्यादा पढ़े लिखे या फिर अंग्रेजी में गिटपिट करने वालों का ही खिलौना नहीं रह गया, कम पढ़े लिखे लोग भी इसका इस्तेमाल जी भर के करने लगे हैं। क्योंकि अब हिंदी में भी टाइपिंग की सुविधा मिलने लगी है स्मार्टफोन्स में। फेसबुक और टवीटर के एप्प भी स्मार्टफोन के लिए बन गए तो इसका इस्तेमाल भी होने लगा। उसके बाद रही सही कसर व्हाट्सएप्प में आकर पूरी कर दी। व्हाट्सएप्प पर खूब चुटकुले, फोटो और वीडियो भेजने की सुविधा है। पहले तो स्मार्टफोन काफी महँगे हुआ करते थे लेकिन धीरे धीरे माँग बढ़ने के साथ साथ इनके दामों में भी बहुत कमी आई है। 

लोग यथासंभव, अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्मार्टफोन लेते हैं और उसी हिसाब से उसमें डाटा डलवा करके सोशल मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं। व्हाट्सएप्प का ज्यादा इस्तेमाल होने लगा है। इसपर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के ढेर सारे चुटकुलों, तस्वीरों और विडियो का आदान प्रदान किया जा सकता है। जरुरत सिर्फ मोबाइल में डाटा रहने की है। पहले टवीटर का उपयोग सिर्फ सेलिब्रिटीज तक ही सीमित था, क्योंकि उसमें सीमित अक्षरों की बाध्यता थी। लेकिन धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल आमजन भी करने लगे हैं। अब तो टवीटर द्वारा फोटो और छोटे-छोटे विडियो भी शेयर किए जाने लगे हैं।

पहले जहाँ 10,000 रुपये या इससे ज्यादा कीमत के ही स्मार्टफोन्स मिलते थे यहीं अब 3,000 रुपये में भी स्मार्टफोन मिलने लगे हैं। ब्रांडेड कंपनियों के मोबाईल भी 5,000 रुपये की कीमत से शुरू होने लगे हैं। लेकिन एक तरफ जहाँ स्मार्टफोन्स की कीमत काम हो रही है वहीं सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी डाटा की  कीमत दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। पहले 2012 में 98 रुपये में ही 1 जीबी डाटा पूरे एक महीने के लिए दिल्ली सर्किल में मिलता था, लेकिन अब 175 रुपये में 1 जीबी 2जी डाटा सिर्फ 28 दिनों के लिए मिलता है। अलग अलग सर्किल और अलग अलग सर्विस प्रोवाइडर्स में मामले में इन कीमतों में फर्क हो सकता है। अगर 3जी या 4 जी डाटा लिया जाय तो और ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है।

यूँ तो सोशल मीडिया की उपयोगिता इस बात में है कि जिन लोगों के पास समय नहीं है आपस में मिलने का वो इसके माध्यम से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के संपर्क में रह सकें। एक दूसरे के साथ अपने सुख-दुःख के समाचार और तसवीरें शेयर कर सके। अनेक रचनाकार अपनी रचनाओं और सम्बद्ध वेबसाइट के लिंक को भी शेयर करते हैं फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर। इससे उनकी रचनाओं को मुफ्त पढ़ने का लाभ मिलता है यूज़र्स को और रचनाकार को लोकप्रियता। इस तरह से सोशल मीडिया का बहुत बढ़िया उपयोग किया जा सकता है। लेकिन आज कल सोशल मीडिया में कुछ असामाजिक तत्वो की घुसपैठ भी हो गई है। जिनका काम बे-सिर पैर की बातों को सोशल मीडिया में फैलाना है।

सोशल मीडिया धीरे-धीरे कुछ असामाजिक तत्वों का शिकार होता जा रहा है। ये लोग झूठी अफवाह फैलाते हैं, जिससे कई बार बड़ी मुश्किल हो जाती है। कई बार दो समुदाय में भीषण झगड़े का कारण भी बनने लगे हैं, सोशल मीडिया में फैलाये हुए अफवाह।  किसी के चेहरे को मॉर्फ़ करके उसका चरित्रहनन में भी सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल करने लगे हैं, कुछ शरारती तत्व। मोबाइल कैमरे और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके किसी की निजता को भी भंग करती हुई तसवीरें और विडियो भी खूब शेयर की जाने लगी है असामाजिक तत्वों द्वारा। कुछ लोग अपने निजी पलों को अपने कैमरे में कैद करके रखते हैं, लेकिन यही अगर किसी शरारती के हाथ लग जाए तो दूसरे दिन से ही सोशल मीडिया में वायरल होने लगती है।

यह निश्चित रूप से चिंता की बात है कि सोशल मीडिया सिर्फ प्यार-मोहब्बत और भाई-चारा ही नहीं बल्कि अब नफरतें फैलाने के लिए उपयोग में लाया जाने लगा है कुछ असामाजिक तत्वो द्वारा। हूटिंग और बुल्लिन्ग भी की जाने लगी है, सोशल मीडिया में अब तो। टवीटर पर भी किसी की बुराई करती हुई ट्रॉलिंग की जाने लगती है कुछ लोगों द्वारा, तो हर टवीट में किसी खास शब्द या शब्द समूह को # के साथ लिखकर उसको ट्रेंड कराया जाने लगता है। कभी-कभी तो सेलेब्रेटीज में ही आपस में टवीटर वार हो जाता है। राजनेता भी किसी घटना, चाहे वो सामाजिक हो या राजनीतिक, झट से टवीट करके अपनी प्रतिक्रिया दे देते हैं। बहुत से लोग किसी नामी हस्ती के नाम से भी अपना टवीटर अकाउंट बना लेते हैं, कुछ तो उस नामी हस्ती की फोटो भी लगा लेते हैं। इससे स्थिति कई बार काफी हास्यास्पद हो जाती है।

तमाम चीजों के साथ-साथ एक और चिंता की बात है कि कुछ लोग बुरी तरह से सोशल मीडिया के गिरफ्त में आ गए हैं। ऐसे लोग दिन हो या रात, समय, जगह, मौका कुछ नहीं देखते, बस अपने मोबाइल पर ही नजरें टिकाए रखते हैं। बस में हो घर पर हो, दोस्तों के साथ बैठे हों या फिर मेट्रो में हों, इनको दुनिया से कोई मतलब नहीं होता, बस सोशल मीडिया में ही अपडेट करने, शेयर और लाइक करने में लगे रहते हैं। कुछ लोग तो सड़क पर भी पैदल चलते हुए अपनी नजरें मोबाईल में टिकाए और उँगलियाँ मोबाईल स्क्रीन पर घुमाते रहते हैं। बहुतों बार ऐसी दीवानगी में, लोगों के जान गँवाने की भी खबरें आती रहती है। मतलब दूरस्थ लोगों के संपर्क में रहने के चक्कर में लोग, अपने करीबी , नजदीकी लोगों से दूर होते चले जा रहे हैं।

सोशल मीडिया के बहुत से फायदे हैं तो इसके बहुत से नुकसान भी हैं। जरुरत इस बात की है कि इसके नुकसान में न  पड़कर इसके फायदे का लाभ उठाया जाए। वरना माचिस की एक तीली से घर के चिराग भी जलते हैं रौशनी के लिए और घर में आग भी लगा सकती है ये तीली। जरुरत सावधानी बरतने की है।


Thursday 20 October 2016

क्या खास है एचटीसी डिजायर 628 ड्यूल सिम मोबाईल में ?




एचटीसी डिजायर 628 ड्यूल सिम मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये करीब 7 मिनट के इस छोटे से वीडियो में। इस मोबाईल को खरीदने पर बॉक्स में मोबाईल के साथ-साथ और क्या-क्या चीज मिलती है ? इस मोबाईल के क्या- क्या खास फंक्शन हैं ? सब कुछ बताया गया है बॉक्स को पूरा खोल के और मोबाईल को चलाके। बस क्लिक करके विडियो को देखिये।

Wednesday 19 October 2016

मनीष सिसोदिया के प्रयास से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार।


19 अक्टूबर, 2016

आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं। लेकिन अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की जोड़ी ने दिल्ली में सुशासन और प्रगति की ऐसी अमिट छाप छोड़ी है कि जनमानस इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहा है। केजरीवाल जी के कामों की चर्चा तो हमेशा होती ही रहती हैं, लेकिन दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप में मनीष सिसोदिया जी ने जो कार्य किए हैं वो भी कम प्रशंसनीय नहीं है। जनता को इसके बारे में बताने की जरुरत है। 

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल्स और टीचर्स की ट्रेनिंग कैम्ब्रिज, हार्वर्ड, आई आई एम जैसे प्रतिष्टित संस्थानों में कराई जा रही है। कुछ शिक्षक ट्रेनिंग के लिए सिंगापूर भी भेजे जा रहे हैं। इससे शिक्षा एवं शिक्षण के स्तर में व्यापक सुधार होने की आशा है। स्कूलों के प्रिंसिपल्स के वित्तीय अधिकार भी बढ़ा दिए गए हैं। स्कूल की बेहतरी से जुड़े अधिकतर मामलों में निर्णय लेने का अधिकार प्रिंसिपल्स को दिए गए हैं। 

कमरों की कमी के कारण एक ही क्लास में क्षमता से ज्यादा बच्चों को बिठाना पड़ता था। एक स्कूल में तो एक दिन बीच करके क्लास लगती थी। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 8,000 नए क्लासरूम बनाने का काम पूरा होने ही वाला है। इसके अलावा 8,000 और नए क्लासरूम बनाने की मंजूरी दे दी गई है। 500 नए स्कूल बनाने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में 40 नए स्कूल की बिल्डिंग बनाने का काम अपने अंतिम चरण में है। इन स्कूलों की बिल्डिंग, प्राइवेट स्कूलों से भी ज्यादा अच्छे हैं। दो शिफ्ट में चलाए जाने की स्थिति में, इन 80 स्कूलों में पठन - पाठन कार्य जल्दी ही शुरू हो जायेगा। 

स्कूलों और अभिभावकों में समन्वय बढ़ाने के लिये प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर पीटीएम का आयोजन किया जा रहा है। इसी वर्ष जुलाई में और अभी 15 अक्टूबर को मेगा पीटीएम का आयोजन किया गया। इसमें अभिभावक बेझिझक अपने बच्चों की प्रगति के बारे में वर्ग शिक्षक एवं अन्य शिक्षकों से बात करते हैं और प्रश्न पूछते हैं। शिक्षकों को भी छात्रों के बारे मं उनके अभिभावकों से बात करने का मौका मिलता है। 

दिल्ली के 54 स्कूलों को चुनकर इसमें किसी भी प्राइवेट स्कूल से ज्यादा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। अब दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में इस प्रयोग को क्रियान्वित किये जाने की बात की जा रही है। स्कूलों में हर तरह की सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए एस्टेट मैनजेर की नियुक्ति की गई है। इसका काम स्कूल की देखरेख, सुरक्षा, सफाई, पानी आदि की व्यवस्था को सुनिश्चित करना है। अब स्कूल के प्रिंसिपल्स पर इसकी जिम्मेदारी न होने की वजह से वो अध्यापन कार्य पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं। 
अब शिक्षकों को गैर-शिक्षण कार्य में नहीं लगाया जाता और पूरा समय उनसे पढ़ाई ही करवाया जाता है। इससे शिक्षा के स्तर में भी गुणात्मक परिवर्तन आया है। पहले अन्य कार्यों में लगे रहने के कारण शिक्षण में कम ध्यान एवं समय दे पाते थे शिक्षकगण। विद्यालय प्रबंधन समिति को अब पहले से ज्यादा मजबूत किया गया है। इसमें अभिभावकों को भी शामिल किया गया है। अब इनको पहले से ज्यादा अधिकार भी दिए गए हैं। स्कूल में हो रहे अध्यापन कार्य, वहाँ उपलब्ध सुविधा की भी जाँच करने का अधिकार है, अब विद्यालय प्रबंधन समिति को। अब इसके सदस्य स्कूल के कार्यों में खूब बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे हैं।

स्कूलों में साफ-सफाई की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए हर स्कूल में कम से कम 4 सफाई कर्मचारी रखे गए हैं। इसका मतलब कि एक बिल्डिंग में 8 सफाई कर्मचारी काम करते हैं। इससे स्कूलों में गंदगी नहीं रहती है। समय-समय पर शिक्षामंत्री जी स्कूलों का औचक निरीक्षण भी करते रहते हैं और कमी पाए जाने पर आवश्यक दिशा-निर्देश देते हैं। अगर स्थिति ज्यादा ही ख़राब हुई तो सम्बंधित अधिकारी और कर्मचारी को दंड देने से भी परहेज नहीं करते। इससे कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही में बहुत कमी आई है।

इन सब कार्यों से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर में बहुत ज्यादा सुधार देखने को मिल रहा है। मनीष सिसोदिया जी अगर ऐसे ही मन लगाकर काम करते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब लोग प्राइवेट स्कूलों में ली जाने वाली भारी भरकम फ़ीस से आजिज आकर, सरकारी स्कूलों में ही अपने बच्चों को पढ़ाना पसंद करेंगे।

Tuesday 18 October 2016

लावा X81 4G मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये



लावा X81 4G मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये करीब 7 मिनट के इस छोटे से वीडियो में। इस मोबाईल को खरीदने पर बॉक्स में मोबाईल के साथ-साथ और क्या-क्या चीज मिलती है ? इस मोबाईल के क्या- क्या खास फंक्शन हैं ? सब कुछ बताया गया है बॉक्स को पूरा खोल के और मोबाईल को चलाके । बस क्लिक करके विडियो को देखिये।

Monday 17 October 2016

लावा V5 मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये


लावा V5 मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये करीब 8 मिनट के इस छोटे से वीडियो में। इस मोबाईल को खरीदने पर बॉक्स में मोबाईल के साथ-साथ और क्या-क्या चीज मिलती है ? इस मोबाईल के क्या- क्या खास फंक्शन हैं ? सब कुछ बताया गया है बॉक्स को पूरा खोल के और मोबाईल को चलाके । बस क्लिक करके विडियो को देखिये।

Sunday 16 October 2016

लावा X81 4G मोबाईल का बेंच मार्किंग टेस्ट।



लावा X81 4G मोबाईल का बेंच मार्किंग टेस्ट देखिये करीब 5 मिनट की इस छोटी सी विडियो में । इसमें इसके खास-खास फीचर्स भी बताए गए हैं। 

Saturday 15 October 2016

ऐसा क्या खास है जियोमी रेडमी 3S प्राइम मोबाईल में ?





जियोमी रेडमी 3S प्राइम मोबाईल के सारे शानदार फीचर्स देखिये करीब 7 मिनट के इस छोटे से वीडियो में। इस मोबाईल को खरीदने पर बॉक्स में मोबाईल के साथ-साथ और क्या-क्या चीज मिलती है ? इस मोबाईल के क्या- क्या खास फंक्शन हैं ? सब कुछ बताया गया है बॉक्स को पूरा खोल के और मोबाईल को चलाके । बस क्लिक करके विडियो को देखिये।

Friday 14 October 2016

ऐसा क्या खास है लावा X10 मोबाईल में ?




लावा X10 मोबाईल के सारे मजेदार फीचर्स देखिये इस 8 मिनट के छोटे से वीडियो में। इस मोबाईल को खरीदने पर बॉक्स में मोबाईल के साथ साथ और क्या क्या चीज मिलती है। इस मोबाईल के क्या क्या खास फंक्शन हैं, सब कुछ बताया गया है बॉक्स को पूरा खोल के और मोबाईल को चलाके । बस क्लिक करके विडियो को देखिये। 

Thursday 13 October 2016

नोकिया के उत्थान और पतन की कहानी।



देखिये कभी मोबाईल की दुनिया का बादशाह रही कंपनी के उत्थान से लेकर पतन की कहानी करीब 7 मिनट के इस छोटे से विडियो में।